Wednesday, July 15, 2009

बकवास है 'सच का सामना'

स्टार प्लस पर रिएलिटी शो सच का सामना के पहले एपिसोड में हॉट सीट पर स्मिथा मटाई बैठीं तो लगा कि पहली बार में ही वो एक करोड़ रुपए नहीं तो कम से कम दस लाख रुपए जरुर जीत लेंगी।

उन्होंने तमाम सवालों के सही जवाब दिए। मसलन-

-क्या आपको अपनी बड़ी बहन की इस्तेमाल की गई किताबें मिलने पर गुस्सा आता था। (हां)
-क्या आप एक हफ्ते तक बिना नहाए रही हैं। (हां)
-क्या आपको लगता है कि आप 12वीं क्लास में इसलिए फेल हो गईं क्योंकि आप आलसी थीं।(हां)
-क्या आपने कभी अपने ग्राहकों को बासी खाना भेजा है।( नहीं)
-क्या आपके ससुर आपके पति से अच्छे दिखते थे। (हां)
-क्या आपको अपने भाई से इसलिए जलन थी कि क्योंकि आपको लगता था कि वो मां-बाप का दुलारा है।(हां)
-क्या आप अपने दूसरे बच्चे के जन्म के वक्त अपनी मां के साथ न होने पर उन्हें माफ कर सकती हैं।(नहीं)
-क्या आप मानती हैं कि आपके माता पिता आपके बच्चों से ज्यादा आपके भाई के बच्चों को प्यार करते हैं। (हां)
-क्या आपको लगता है कि आपकी सास आपकी मां से बेहतर मां थीं।(हां)
-क्या आप इस डर में जीती हैं कि आपके पति दोबारा शराबी न बन जाएं( हां)
-क्या आपने कभी अपने पति को जान से मारने के बारे में सोचा है।( हां)
-क्या आप सिर्फ अपने बच्चों की खातिर अपनी शादी बचाए हुए हैं।( नहीं)
-क्या आपने कभी अपने पति को धोखा देने के बारे में सोचा है।( हां)

इन 13 सवालों के जवाब में स्मिता ने सिर्फ सच बोला। बीच में अपना रुख साफ भी किया। लेकिन,जिस प्रश्न के जवाब में वो शो से हार गईं, वो था-

-क्या आप अपने पति के अलावा किसी दूसरे मर्द से शारीरिक संबंध बनाना चाहेंगी, अगर आपके पति को पता न चले तो...

स्मिता ने जवाब दिया-नहीं। यही जवाब उन्होंने शो से पहले पोलिग्राफिक टेस्ट के दौरान दिया था। लेकिन, जवाब गलत निकला। स्मिता अपने जीते पांच लाख रुपए फिर हार गईं।

लेकिन, इस शो ने मेरे मन में दो सवाल जरुर उभार दिए। पहला ये कि इंसान की जिंदगी में एक लम्हे के कई सच होते हैं। ऐसे कई लम्हें होते हैं,जब वो पता नहीं क्या सोचा है। भावावेश में वो अपनी पत्नी,गर्लफ्रेंड को मारने के बारे में भी सोच सकता है,तो बॉस को गोली मारने की भी। अपने टीचर से ही मोहब्बत का अफसाना जुड़ता देखता है तो घर में चोरी की भी कल्पना करता है। लेकिन,क्या वो ऐसा करता है? दरअसल, जिंदगी के किस लम्हे में आपके दिमाग में क्या ख्याल आया हो-ये याद कर पाना भी कई बार मुश्किल है। शायद यही वजह है कि स्मिता उस सवाल के जवाब में हार गई,जिसका जवाब उन्हें 'नहीं' के रुप में पता था। अगर ऐसा नहीं होता तो शायद वो पांच लाख के पड़ाव पर ही बाहर हो लेतीं।

इसके अलावा, इस शो के फॉर्मेट से जुड़ा एक सवाल यह है कि प्रतियोगी का पोलीग्राफिक टेस्ट क्या हॉट सीट पर बैठने से ऐन पहले होता है या एक-दो दिन पहले टेस्ट हो लेता है। अगर,टेस्ट ऐन पहले होता है,तो शायद प्रतियोगी के हौसले के कद्र करनी चाहिए। लेकिन,अगर टेस्ट दो-एक दिन पहले हो चुका होता है तो फिर शो का फॉर्मेट दर्शकों को उल्लू बनाने जैसा है।

फिलहाल,स्टार प्लस पर यह कार्यक्रम टीआरपी बटोरने में सफल हो सकता है क्योंकि इस तरह का कोई कार्यक्रम भारतीय टेलीविजन पर कभी नहीं आया। लेकिन,हॉट सीट पर सोच समझकर बैठे प्रतियोगी इन सवालों के झंझावत से हिलेंगे-इसमें संदेह है। क्योंकि,जिन सवालों का सच चौंकाने वाला होगा, वो 'फुके हुए बम' होंगे, और सच विस्फोटक हो सकते हैं-वो अपने आप में पूरा सच नहीं होंगे। पहले एपिसोड के बाद मेरा यही निष्कर्ष है। बाकी देखते हैं आगे होता है क्या।

10 comments:

  1. मैँने तो देखते-देखते सीरियल बीच में ही छोड़ दिया ...शायद सच को देखने और सुनने की हिम्मत नहीं जुटा पाया

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  2. कुछ और ट्राई करो बाबा!

    एसे ही न्यूज मे भि सिरीयल ही देकते हैं :))

    hehehe

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  3. चलो अच्छा है हम इस टी.वी. नामक बीमारी से दूर रहते हैं और समय अपने परिवार के साथ बिताते हैं। नहीं तो आजकल तो पता नहीं क्या क्या क्रियाकरम चल रहे हैं...

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  4. देखा नहीं इसलिए कहना मुश्किल है.

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  5. दो महीने पहले केबल कनेक्शन कटवा दिया और टीवी को स्टोर में रख दिया है........... तब से कितना सुकून है घर में इसका अंदाजा आप शायद ऐसा करने के बाद ही लगा सकेंगे..........

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  6. pandey ji sach ka saamna eak aur naatak hai... prayojit hai... kirdaar bhi prayojit aur sawal bhi... lekin jo sabse bada nuksaan kar jaayega woh yeh ki... har pati show ke baad apni patni se yeh sawal karega... patni sahi jawab di yaa nahi iss dwand mein saari zindgi rahega...
    waise bhi urban areas mein social fabric rahan nahi... ab nuclear family mein family fabric bhi nahi rahega... aage aage dekhiye hota hai kya

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  7. यदि मुझ से ये सवाल पूछा जाए कि कल तुमने इसकी तारीफ की थी और आज तुमने इसकी धज्जियां क्यों उधेड़ दी तो मैं दुनिया को क्या जवाब दूंगा। वैसे ये बताओ कि मई जून में कहां गायब हो गए थे एक भी पोस्ट नहीं डाली बंधु? तुम से सॉरी कहना चाहूंगा दोस्त क्योंकि मैंने कोशिश तो की थी पर वो कोशिश नाकाम थी या यूं कहो कि समय पूरा नहीं मिला पाया और फिर मैंने उसको टाल ही दिया पर तुमको बताना चाहिए था मुझे लेकिन कैसे बताता ये समझ नहीं पाया।

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  8. सच कहा आपने, इस तरह के शो के जरिए लोगों को उल्‍लू बनाने का काम किया जा रहा है। वो भी उस पॉलीग्रॉफी मशीन को आधार बनाकर जिसे अदालत भी मान्‍यता नहीं देती। इस शो को कोई सच्‍चा इंसान नहीं बल्कि झूठ बोलने में माहिर इंसान ही जीतेगा, ऐसी मेरी व्‍यक्तिगत राय है।

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  9. पहली बात तो ये है की पोली ग्राफिक टेस्ट एकदम परफेक्ट मापदंड नहीं है सच ओर झूट को मापने का....इसलिए नार्को टेस्ट उससे बेहतर माना गया है...पोली ग्रफिक टेस्ट में केवल शरीर की कुछ अवस्थायों पर नजर रखी जाती है जो किसी भी ऐसी अवस्था में जब आप परेशान या विचलित है ....बदल जाती है..दूसरी बात ये प्रशन वाकई परेशान करने वाले प्रशन है .क्युकी आम जीवन में हम सब गलतियों के पुतले होते है ...कुछ सच हमारे वर्तमान जीवन को परेशान कर सकते है....वैसे भी कुछ सच एक समय .एक लम्हे .एक हालात .... के सच होते है......
    एक बात समझ नहीं आयी ....पहले कंटेस्टेंट के परिवार वालो ने उस प्रशन में बजर का इस्तेमाल क्यों नहीं किया ?

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  10. डॉ अनुराग जी की बात से सहमत कि मशीन की कोई वैधानिकता नही है। अनुराग जी उनका परिवार यदि बजर दबा भी देता तो अगला सवाल इससे भी फ़ूहड़ और घटिया होता… क्योंकि स्टार प्लस का मकसद सिर्फ़ नंगई फ़ैलाकर TRP कमाना है… (बजर का उपयो्ग सिर्फ़ एक बार ही किया जा सकता है)… जब तय कर लिया गया हो कि बालिका वधू से मुकाबला करने के लिये विदेशी नंगई बिखेरी जायेगी तब तो सूचना प्रसारण मंत्रालय की बुद्धि पर तरस खाने के अलावा क्या किया जा सकता है…

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