तोंद को परे रख वरमाला के मंच पर कमरतोड़ डांस करने वाले अंकलजी ने जिस तरह राष्ट्र को नृत्यमोह में उलझाया है, उसके बाद उन्हें 'राष्ट्रीय महत्व की संपत्ति' का दर्जा मिल जाना चाहिए। अंकलजी ने मंच पर सुपरहिट डेमो देकर कई भ्रम तोड़े हैं। पहला, शादी में फूफाजी नामक प्राणी सिर्फ मुंह फुलाए बैठा रहता है। फूफा होने के बावजूद अंकलजी ने डिस्को से लेकर ब्रेक डांस तक कई शैलियों में जिस तरह डांस किया-उसने फूफाओं की पुरातन छवि को झटके में तोड़ दिया है। हालांकि, अंकलजी की इस हरकत से रुढ़िवादी फूफा खफा हैं। उन्हें भय है कि अगले सीजन से ही परिवार की शादियों में उनकी इज्जत का सेंसेक्स क्रैश हो जाएगा क्योंकि उनका रौब ही उनकी ताकत था। फूफा समुदाय अगर ऐसे शादी में खुलेआम मंच पर ब्रेक डांस करेगा तो फिर फूफाओं का लोड लेगा कौन?
अंकलजी के 'डांस डेमो' ने ये भ्रम भी तोड़ दिया कि नयी पीढ़ी 21 साल पुराने गाने को सुनना-देखना नहीं चाहती। 21 बरस पहले 'आपके आ जाने से' गाते हुए लड़कियों को छेड़ने वाले पुरुषों को तसल्ली है कि जिस गाने को गाते हुए उन्होंने अपना बेशकीमती वक्त बर्बाद किया, वो गाना कम से कम फालतू नहीं था।
अंकलजी ने ये भ्रम भी तोड़ दिया कि टीवी चैनल सिर्फ खूबसूरत लड़कियों को दिखाते रहना चाहते हैं, और गंजे-मोटे लोगों का स्कोप बिलकुल खत्म हो गया या सिर्फ गंजेपन और मोटापा कम करने वाली दवाइयों के मॉडल तक सीमित हो गया है। अंकलजी ने साबित किया है कि बंदे में हुनर हो तो कामयाबी और टीवी चैनल दोनों पीछे भागते हैं। आज देश के हजारों लड़के लड़कियां अंकलजी के अंदाज में आपके आ जाने से पर नृत्यरत हो रहा है। अपने वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड कर रहा है।
कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर होते हुए नृत्य के जरिए नाम कमाने वाले अंकलजी ने फिर साबित किया है कि पढ़ने-लिखने से ज्यादा कुछ नहीं होता। सिर पर चांद भले निकल आए, तोंद वृत्ताकार होते हुए बंदे को जमीनोनमुखी करने को भले लालयित रहे लेकिन पैशन कभी नहीं छोड़ना चाहिए। वैसे भी बाबा रणछोड़दास ने कहा है कि काबिल बनो बच्चा, कामयाबी झक मारकर पीछे आएगी।
बहरहाल, अब सरकार को चाहिए कि वो तत्काल प्रभाव से दूसरी मनरेगा यानी महा नृत्य रोजगार गारंटी स्कीम ल़ॉन्च कर दे। पायलट प्रोजेक्ट के लिए राजनेताओँ को चुना जा सकता है। इससे तीन फायदे होंगे। पहला, देश का नेता फिट रहेगा। दूसरा, संसद में हो हल्ला होने के हालात में इंटरटेनमेंट की गुंजाइश रहेगी। तीसरा, रैलियों में बड़े नेता के भाषण से पहले इन दिनों नृत्यांगनाएं बुलाई जाने लगी हैं तो उन पर बेवजह धन खर्च नहीं होगा। राजनेता खुद भांति भांति के नृत्य दिखाकर दर्शकों को बांधे रखेंगे।
पायलट प्रोजेक्ट हिट होने पर बजट में नृत्य रोजगार गारंटी योजना के तहत आम जनता के लिए भी बजट आवंटित किया जा सकता है। हिन्दुस्तानी इस कदर आलसी और मुफ्तखोर हो गए हैं कि जब तक उन्हें किसी काम का पैसा नहीं मिलता-वो करना पसंद नहीं करते। ब्लड प्रेशर की दवाइयों में खर्च कर सकते हैं लेकिन सुबह की सैर नहीं कर सकते। ऐसे में नृत्य रोजगार गारंटी योजना से देश भी फिट होगा। और देश फिट हो न हो, नृत्य मनरेगा के तहत नृत्य करते हुए लोगों के वीडियो खूब यूट्यूब पर अपलोड होंगे। घर बैठे लोगों को एक काम मिल जाएगा। टीवी चैनलों के लिए भी कच्चा माल तैयार होगा।
कुल मिलाकर योजना लॉन्च होगी तो विज्ञापन चलेंगे। योजना हिट होगी। फिर सारा देश नाचेगा।
सारा देश नाच रहा है। आहा! कितना सुंदर दृश्य है !!!
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