स्वयंवर से पहले राखी (नौटंकी)सावंत का आखिरी भाषण-
"जिन्होंने मुझे इस दुनिया में एक जगह दी। मैं उन्हें आज इस पल कैसे भूल जाऊं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस तरह से स्वंयर रचूंगी। इतिहास रचूंगी टेलीविजन पर। कभी नहीं सोचा था। हमेशा ईश्वर मेरे आगे रहे । मैं पीछे रही। मेरे कुछ फ्रेंड यहां आए हैं। पहले उनके साथ मैं प्रार्थना करना चाहूंगी। फिर कोई फैसला लूंगी। जो लोग देख रहे हैं, वो भी मेरे लिए प्रार्थना करें। मुझे उनकी ब्लेसिंग चाहिए। मैंने बहुत दुख उठाए हैं लेकिन आज के बाद कभी दुख नहीं उठाऊंगी। मैं और मेरी फ्रेंड्स प्रेयर करेंगे मेरे लिए। ग्रूम के लिए। ससुराल के लिए और एनडीटीवी इमेजिन के लिए। जीसस, मैं आपको साक्षी मानकर प्रे करना चाहूंगी। आपके नाम से मैं हर चीज करती हूं। दगी में आप सबसे पहले मेरे साथ हैं। ईश्वर मैं आपको बुलाती हूं। अपने हदय में, अपने शरीर में। मैंने कदम कदम पर ठोकर खाई। आज इतना पवित्र दिन है। आज यीशू मैं चाहतीं हूं आप जमीन पर आइए और मेरे लिए फैसला लीजिए।
एक छोटा सा गाना है, मैं गाती हूं।
आराधना करुंगी मैं पूरे मन से.......
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थैक्यू लॉर्ड
थैक्यू जीसस
आईलवयू गॉड
इससे पहले मैं कोई फैसला लूं। मैं कुछ कहना चाहती हूं। आप तीनों मेरे फेवरेट हैं। मैंने कभी नहीं चाहा था कि मैं किसी का दिल तोडू। और बहुत सॉरी कि मैं किसी दो को सिलेक्ट नहीं कर पाई। अंजाने में मैं किसी का दिल तोड़ू रही हूं तो मुझे माफ करना।
खैर,राखी-राखी के नारों के बीच आखिरी टीआरपी नौटंकी हुई। राखी कभी एक के सामने खड़े होकर ठहरी तो कभी कहा कि मैं अब स्वंयर पार्ट टू करना चाहती हूं। लेकिन, आखिर में दूल्हा बने कनाडा के बिजनेसमैन इलेश।
लेकिन,ठहरिए...असली पेंच यही था। राखी ने आखिर में ऐलान कर दिया कि अभी सगाई हुई है,स्वंयर का मतलब होता है वर चुनना। शादी हम बाद में कर लेंगे। यानी हुई गुगली।
टीआरपी नौटंकी खत्म हुई। अब,देखें एनडीटीवी इमेजिन टीआरपी की जंग में बने रहने के लिए कौन सी अगली नौटंकी लेकर आता है।
मल्हार- कक्षा 8
3 weeks ago
ऐसा कुछ 'महान' कर्म अभी तक किया नहीं है, जिसका विवरण दिया जाए। हाँ, औरेया जैसे छोटे क़स्बे में बचपन, आगरा में युवावस्था और दिल्ली में करियर की शुरुआत करने के दौरान इन्हीं तीन जगहों की धरातल से कई क़िस्सों ने जन्म लिया। वैसे, कहने को पत्रकार हूँ। अमर उजाला, नवभारत टाइम्स, आजतक और सहारा समय में अपने करियर के क़रीब 12 साल गुज़ारने के बाद अब टेलीविज़न के लिए कुछ कार्यक्रम और इंटरनेट पर कुछ साइट लॉन्च करने की योजना है। पांच साल पहले पहली बार ब्लॉग पोस्ट लिखी थी, लेकिन जैसा कि होता है, हर बार ब्लॉग बने और मरे... अब लगातार लिखने का इरादा है...
हे ईश्वर, यह सब अब दोबारा जल्दी नहीं दिखाना.
ReplyDeleteye to hona hee tha..
ReplyDeleteसगाई या ठग-आई :-)
ReplyDeleteवाकई , ये सब केवल और केवल तमाशा है, जिसे बेवकूफ़ दर्शक बुद्धू बक्से से चिपके रहते हैं या फिर अपना टाइम पास करते हैं. चलो दिन भर काम से वापस आकर कुच्छ बेचारे यही अब देख कर स्वयं को ताज़ा महसूस तो कर लेते हैं.
ReplyDelete- विजय
लो इस बहाने ही सही, कम से कम एनडीटीवी इमेजिन की टीआरपी तो बढ़ी। अब आगे-आगे देखिए टीआरपी के इस फेर में और क्या-क्या देखना पड़े। आपने सही खिंचाई की है।
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