Tuesday, September 8, 2015

कॉल ड्रॉप के फायदे ( व्यंग्य)

क्या आप कॉल ड्रॉप की समस्या से परेशान हैं? क्या आप कॉल ड्रॉप की वजह से झुंझलाए रहते हैं? क्या आपको लगता है कि कॉल ड्रॉप की वजह से आपकी ज़िंदगी नरक हो गई है? यदि हां, तो यह व्यंग्य आपके लिए है,क्योंकि समस्या पीड़ितों के लिए यह व्यंग्य नहीं गंभीर आलेख है। या कहें ऐसा बंगाली दवाखाना है, जो खुद आपके पास चलकर आया है। दरअसल, कॉल ड्रॉप यानी मोबाइल पर बात करते करते कट जाने की समस्या उतनी बुरी नहीं जितनी आपको लग रही है। सच तो यह है कि कंपनियां कॉल ड्रॉप कर करके ग्राहकों को सुविधा दे रही हैं। कॉल ड्रॉप के रुप में ग्राहकों को ऐसी रहमत मिली है, जिसके लाभ के बारे में वे सोच ही नहीं रहे। मसलन सुबह आपका बॉस फोन करता है तो आप क्या करते हैं? आप फोन उठाते हैं और सबसे पहले सुबह उस शख्स की आवाज़ सुनते हैं, जिसकी आवाज़ आप सिवाय उस दिन के नहीं सुनना चाहते, जब वो आपको बुलाकर इंक्रीमेंट लैटर देता है। लेकिन सुबह सुबह आपको वो फटी आवाज़ सुननी पड़ती है क्योंकि फोन उठाना आपकी मजबूरी है। जबकि फोन कब रखा जाएगा, यह तय करना बॉस का अधिकार। बॉस किसी भी बात के लिए आपको फोन करता है। मसलन-कई बॉस पहले एसएमएस करेंगे और फिर फोन करेंगे कहेंगे-"यार एक एसएमएस किया है, देख लेना।" अरे ! जब फोन ही करना तो एसएमएस क्यों किया। लेकिन, कॉल ड्रॉप की समस्या ने झटके में सर्वहारा वर्ग को साम्राज्यवादी शक्तियों के बराबर ला खड़ा किया है। अगर आपको बॉस की आवाज़ पसंद नहीं आ रही तो आप हैलो हैलो करते हुए फोन काट सकते हैं और इसका ठीकरा कॉल ड्रॉप पर फोड़ सकते हैं। चूंकि यह समस्या सर्वविद्यमान है तो आप की नीयत पर शक करना बॉस के लिए आसान नहीं होगा। बॉस की छोड़िए, कॉल ड्रॉप की सुविधा का लाभ उन अनंत आशिकों को भी मिल सकता है, जिनके पास ऐसी गर्लफ्रेंड हैं, जो फेविकोल की ब्रांड एम्बेसेडर हुए बिना उसका प्रचार कर रही हैं। मसलन-कई गर्लफ्रेंड फोन पर एक ही सवाल इतनी बार पूछती हैं कि बंदा लगभग मूर्छित होने की स्थिति में आ जाता है। कई सगाई धारक और विवाह को प्रतीक्षारत भावी दुल्हे अपनी मंगेतर के सवालों से इतना परेशान हो जाते हैं कि अगर आलस्य का गुण उनमें कूट कूटकर न भरा हो तो वे रजाई से निकलकर अपना सिर कहीं पटक आएं। आलस्य नामक गुण मंगेतर के कई सवालों को एक हजार बार सुनने के बावजूद उन्हें आत्महत्या की कोशिश से बचाए रखता है। मसलन-शादी से छह महीने पहले ही मंगेतर पूछने लगती है- हम शादी के बाद कहां रहेंगे। तुम्हारी मम्मी हमारे साथ रहेंगी या देवर जी के साथ। मैं पहले ही बता रही हूं कि मुझे खाना बनाना नहीं आता। हम हनीमून पर मॉरीशस जा रहे हैं न। तुमने स्विटजरलैंड की टिकट बुक करा ली न ! वगैरह वगैरह। मंगेतर के ऐसे सवालों के विकट दौर में कॉल ड्रॉप की समस्या वरदान साबित हो सकती है। कॉल ड्रॉप का सबसे बड़ा फायदा है कि बेईमान और अनैतिक होते हुए भी आप नैतिक और ईमानदार बने रह सकते हैं। कलयुग में यह कॉम्बो ऑफर किस्मतवालों को ही मिलता है। या कहिए कि जिस तरह दिखते सभी को हैं लेकिन प्लेन के सस्ते टिकट हर ग्राहक को नहीं मिल पाते उसी तरह अनैतिक होते हुए नैतिक दिखने का वरदान सबको नहीं मिलता। तो अब आप समझ गए होंगे कि कॉल ड्रॉप कोई समस्या नहीं बल्कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा ग्राहक को दी जा रही एक अदृश्य सुविधआ है। आप भी कॉल ड्रॉप सुविधा का लाभ उठाइए और जीवन का भरपूर आनंद लीजिए।

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