सोशल नेटवर्किंग साइट ‘फेसबुक’ के उपयोक्ताओं का एक देश बन जाए तो जनसंख्या के लिहाज से यह चीन और भारत के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मुल्क होगा। आशय यह कि दुनिया भर में फेसबुक के उपयोक्ताओं की संख्या दिन दोगुनी गति से बढ़ रही है, और नेटवर्किंग-न्यूज-गेम्स समेत तमाम सुविधाओं वाले इस पैकेज को पूरी दुनिया अपना चुकी है। लेकिन, फेसबुक की बढ़ती लोकप्रियता के बीच नए खतरों की आशंकाओं ने एक बड़े तबके को इस प्लेटफॉर्म की उपयोगिता के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया है।
हाल में इंटरनेट सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी वेरीसाइन की इकाई आईडिफेंस ने खुलासा किया कि करीब 15 लाख फेसबुक एकाउंट बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। किर्लोस नाम के एक कथित हैकर ने इन खातों को ऑनलाइन बिक्री के लिए रखा। 10 मित्रों से कम संख्या वाले फेसबुक खाते 10 डॉलर और दस से अधिक मित्रों वाले एकाउंट 45 डॉलर में बेचने की बात कही गई। हालांकि, फेसबुक ने इस खुलासे को खारिज कर दिया लेकिन आईडिफेंस ने साफ कहा कि ऑनलाइन ठगी, स्पैम भेजने और डाटा चुराने वाले प्रोग्राम भेजने के उद्देश्य से इन एकाउंट्स को बेचा जा रहा है। ‘फेसबुक’ की प्राइवेसी सैटिंग्स का विवाद तो लगातार चल ही रहा है। फेसबुक में चंद दिन पहले कुछ ऐसे बग यानी कमियां उजागर हुई थीं, जिनके जरिए आसानी से प्राइवेसी सैटिंग्स को धता बताया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक, फेसबुक के ऑनलाइन विज्ञापनों के जरिए उपयोक्ता के कंप्यूटर में सेंध लग सकती है। यहां उपलब्ध सैकड़ों प्रोफाइल फर्जी हैं, जिनका इस्तेमाल स्पैमर्स कर रहे हैं। फेसबुक आपकी जानकारी को तीसरी कंपनी के साथ बांट सकती है। हर बार साइट री-डिजाइन के साथ आपकी प्राइवेसी सैटिंग्स को कम स्तर पर ला सकती है यानी व्यवसायिक लाभ के लिए आपकी निजता को प्रभावित किया जा सकता है।
फेसबुक से तलाक के बढ़ते मामले, अपराधों में इस प्लेटफॉर्म की बढ़ती भूमिका और दफ्तरों में घटते उत्पादन घंटे से जुड़ी खबरें लगातार सुर्खियां बनती रही हैं। पचास करोड़ से अधिक उपयोक्ताओं वाली इस सोशल नेटवर्किंग साइट के इस्तेमाल की लत को फेसबुक एडिक्शन डिसॉर्डर के नाम से जाना जा रहा है।
लेकिन, सवाल फेसबुक की लत का नहीं, इससे दूर होने का है। फेसबुक का एक तबका निजता भंग होने से लेकर तमाम संभावित खतरों से बचने के उद्देश्य से इस प्लेटफॉर्म को अलविदा कहना चाहता है। पर क्या यह इतना आसान है? फेसबुक पर डिसेक्टिव एकाउंट और डिलीट एकाउंट का लिंक खोजना ही इतना कठिन है कि सैकड़ों लोग अपना खाता डिलीट करने का इरादा बदल देते हैं। दरअसल, नेट पर अपना आधिपत्य स्थापित करने में जुटी फेसबुक का साम्राज्य ग्राहकों की संख्या से ही निर्धारित हो रहा है, और इन्हीं के बूते फेसबुक को करोड़ों डॉलर का विज्ञापन मिल रहा है। फिर भी अगर आप फेसबुक को कभी अलविदा कहना चाहें तो एकाउंट सैटिंग्स में जाकर डिसेक्टिव एकाउंट का लिंक पा सकते हैं। हालांकि, इस लिंक पर क्लिक करते ही अचानक आपके फेसबुक मित्र इस संदेश के साथ प्रगट होंगे कि वो आपको मिस करेंगे। लेकिन, अगर आप एकाउंट को खत्म ही कर देना चाहते हैं तो आप फेसबुक के हेल्प सेंटर में जाकर सर्च बॉक्स में डिलीट एकाउंट सर्च कीजिए। याद रखिए डिलीट करने के बाद भी 14 दिनों तक आपका डाटा सुरक्षित रहेगा। इस दौरान आपने कभी भी फेसबुक में लॉगिन की कोशिश की तो एकाउंट एक्टिव हो जाएगा।
मतलब यह कि फेसबुक को अलविदा कहना आसान नहीं है। वैसे, थोड़ी सी जागरुकता के साथ सोशल नेटवर्किंग के इस सबसे लोकप्रिय माध्यम का भरपूर लाभ भी उठाया जा सकता है।
It begins with self
4 days ago
Jaankari ke liye dhanyavaad....
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