Tuesday, December 1, 2009

मीडिया संस्थानों के लिए Twitter पर समाचार की अहमियत समझना जरुरी

माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बारे में एक साल पहले तक आम लोगों को खास पता नहीं था। मुंबई हमलों के दौरान सोशल मीडिया के इस औजार की अहमियत पहली बार कायदे से लोगों के सामने आई,जब लोगों ने ट्विटर के जरिए लाइव रिपोर्टिंग की। सैकड़ों लोगों ने आंखों देखा हाल बताया और कई अहम जानकारियां ट्विटर के जरिए ही सामने आईं।

इस घटना के बाद ट्विटर की लोकप्रियता में अचानक जबरदस्त इजाफा हुआ। एक साल पहले तक भारत में ट्विटर के उपयोक्ताओं की संख्या खासी कम थी, लेकिन अब करीब 26 लाख हो चुकी है। ट्विटर उपयोक्ताओं के मामले में भारत का नंबर अमेरिका और जर्मनी के बाद तीसरे नंबर पर है।

लेकिन, ट्विटर के तेजी से बढ़ते उपयोक्ताओं के बीच आम धारणा यही है कि लोग सोशल नेटवर्किंग के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। अपना हाल बताने और स्टेटस अपडेट करने के इरादे से लोग ट्विटर के सदस्य बनते हैं। इसके अलावा, उन्हें यहां कई सेलेब्रिटी से जुड़ने का मौका मिला है,लिहाजा ट्विटर का आकर्षण बढ़ा है।

लेकिन, हाल में ट्विटर उपयोक्ताओं के बीच प्लग्डडॉटइन के किए एक सर्वे में चौकाने वाले नतीजे सामने आए। इस सर्वे के मुताबिक 16 फीसदी ट्विटर ग्राहक न्यूज पाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं,जबकि मित्रों से संपर्क में रहने के लिए महज 11 फीसदी। 17 फीसदी लोगों को अभी तक नहीं मालूम कि वो सोशल नेटवर्किंग के इस प्लेटफॉर्म पर क्यों हैं? 12 फीसदी लोग काम के सिलसिले में ट्विटर पर मौजूद हैं,जबकि 11 फीसदी लोगों को स्टेटस अपडेट करने का शौक है। 10 फीसदी ट्विटर उपयोक्ताओं को लगता है कि वो इसके जरिए कुछ दिलचस्प लोगों (सेलेब्रिटी शामिल) से मिल सकते हैं। लेकिन,बात इन आंकड़ों की नहीं,सर्वे के सबसे अहम पहलू की है। वो ये कि सबसे ज्यादा लोग न्यूज पाने के लिए ट्विटर पर हैं। ये आंकड़ा इसलिए हैरान करता है,क्योंकि ये सर्वे भारतीय उपयोक्ताओं के बीच है।

दिलचस्प ये है कि भारतीय मीडिया संस्थानों ने अभी न्यूज के रुप में ट्विटर फीड को गंभीरता से नहीं लिया है। देश के दो सबसे अधिक बिकने वाले अंग्रेजी समाचार पत्रों यानी टाइम्स ऑफ इंडिया और हिन्दुस्तान टाइम्स को छोड़कर बाकी अखबारों की ट्विटर फीड संभवत: फीड़ है नहीं, अथवा उपेक्षित है। मसलन इंडियन एक्सप्रेस के कथित ट्विटर एकाउंट के महज 300 के करीब फॉलोअर हैं।

लोग ट्विटर पर ख़बरें चाहते हैं,इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि टाइम्स ऑफ इंडिया के फॉलोअरों की संख्या 6 हजार से अधिक है,जो लगातार बढ़ रही है। दूसरी तरफ, अमेरिका में ट्विटर पर ख़बरों को लेकर लोगों की दिलचस्पी इस कदर है कि न्यूयॉर्क टाइम्स की ट्विटर फीड़ के ग्राहकों की तादाद 21 लाख से ज्यादा है। बाकी बड़े मीडिया संस्थानों की ट्विटर फीड के भी लाखों में फॉलोअर हैं। सोशल मीडिया के जानकारों की मानें तो लोगों में समाचारों को जानने की एक स्वाभाविक कुलबुलाहट होती है। और इस कुलबुलाहट को ट्विटर फीड के जरिए आसानी से शांत किया जा सकता है। खबरों को लेकर उत्सुकता अमेरिका से लेकर भारत सभी जगह है। यानी ट्विटर फीड के अपने ग्राहक हो सकते हैं, और फिर ट्विटर के जरिए लोगों को अखबार-टेलीविजन चैनल अपनी साइट तक खींच सकते हैं। क्योंकि ट्विटर पर न्यूज देने का एक तरीका यह है कि हेडलाइन के साथ खबर का लिंक भी दे दिया जाता है। लेकिन, भारत में अभी मीडिया संस्थानों ने इस बारे में गंभीरता से सोचा नहीं है। एयरटेल के साथ ट्विटर के समझौते के बाद करीब 11 करोड़ लोग तो अपने मोबाइल फोन पर ट्विटर फीड मुफ्त में पा सकते हैं,यानी अब ट्विटर उपयोक्ताओं की संख्या यहां तेजी से बढ़ सकती है। ऐसे में,हिन्दी-अंग्रेजी समेत तमाम भाषाओं में लोग ट्विटर पर न्यूज चाहेंगे, और जो पहले इस प्लेटफॉर्म पर गंभीर पहल करेगा, बढ़त उसी को मिलना तय है।

3 comments:

  1. जमाना तेजी से बदल रहा है....पकड़ना तो होगा इस गति को!!

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  2. हालांकि इस दौड़ते भागते ज़माने के साथ कदमताल करनी है तो 140 कैरेक्टर्स में अपनी बात को कहना सीखना अपरिहार्य है। लेकिन कम शब्दों में पढ़ने की लालसा क्या हमारी पढ़ने की प्रवृत्ति को प्रभावित नहीं करती?

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  3. daikhne mai chauta magar ghaw kare gambhir.

    aur 26/11 ke bad to twitter khudh ko sabit bhi kar chuka hai.........

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